शिवरात्रि और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के सुखद संयोग पर गार्गी और मैत्री के देश में महिलाओं के वास्तविक स्थिति को उकेरती और चंद बुनियादी सवाल उठाकर कर समाधान तलाशती प्रस्तुत है अधिवक्ता डॉक्टर अजय कुमार पांडेय की एक स्वरचित कविता।
शिवरात्रि और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के सुखद संयोग पर गार्गी और मैत्री के देश में महिलाओं के वास्तविक स्थिति को उकेरती और चंद बुनियादी सवाल उठाकर कर समाधान तलाशती प्रस्तुत है अधिवक्ता डॉक्टर अजय कुमार पांडेय की एक स्वरचित कविता।