क्रिप्टोकरेंसी को सरकार ने किया स्वीकार! कंपनियों को देना होगा हर लेन-देन का हिसाब
क्रिप्टोकरेंसी को सरकार ने किया स्वीकार! कंपनियों को देना होगा हर लेन-देन का हिसाब
लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता दी जाए या उस पर प्रतिबंध लगाया जाए, की बहस चल रही है.
लेकिन इस दिशा में सरकार ने एक सकारात्मक पहल करते हुए कंपनियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी में किए जाने वाले उनके हर लेन-देन और निवेश की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है.
बिट्कॉइन क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलित नाम है
‘कंपनी अकाउंटिंग का हिस्सा बनी क्रिप्टोकरेंसी’
‘रेग्यूलेशन के दायरे में लाना कालाधन कम करेगा
‘अकाउंटिंग का हिस्सा बनी क्रिप्टोकरेंसी’ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के लिए एक वित्त वर्ष में कंपनियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में किए जाने वाले लेन-देन और निवेश की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है.
इसे एक तरह से क्रिप्टोकरेंसी के रेग्युलेशन की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है.
अकाउंटिंग का हिस्सा बनने के बाद कर नियमों में भी क्रिप्टोकरेंसी को जगह मिलेगी.’
‘निवेशकों को होगी आसानी’ वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ‘बाइटेक्स’ के संस्थापक और सीईओ मोनार्क मोदी कहना हे कि अकाउंटिंग का हिस्सा बनाए जाने के बाद निश्चित तौर पर इससे निवेशकों को आसानी होगी.
यह दिखाता है कि भारत दुनिया के साथ कदमताल करते हुए चल रहा है. क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेशन के दायरे में लाने से निवेशकों के अंदर सुरक्षा का भाव बढ़ेगा.
#कालेधन को कम करेगा
#क्रिप्टोकरेंसी को अकाउंटिंग का हिस्सा बनाने से इसके माध्यम से होनी वाली अवैध गतिविधियों पर लगाम लगेगी.
#कालेधन की जमाखोरी रुकेगी. साथ ही कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में भी मदद मिलेगी.
#कर नियम थोड़ा स्पष्ट करने की जरूरत
देश में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर होने वाला लाभ कर के दायरे में आता है.
लेकिन इस लाभ से होने वाली आय पर कर कैसे लगाया जा सकता है ? सरकार इसे कैपिटल गेन की तरह देखती है जबकि असल में यह कैपिटल एसेट्स हैं क्योंकि कोई भी क्रिप्टोकरेंसी धारक बहुत जल्दी इनका लेनदेन नहीं करता है.
ऐसे में इसे लेकर कर नियमों को थोड़ा स्पष्ट बनाने की जरूरत है.